आज एक बहुत खूबसूरत सा वाख्या हुआ, चलो आप सब से बयां करता हो।

एक बहोत ही खूबसूरत लड़की है वो,
नादान है पर बहोत समझदार है वो,
प्यार तो इतना भरा है उसमे की क्या बताऊं,
पर ख्वाबों की दुनिया में रहती है वो।

जानती सब है समझती भी सब है,
पर ना जानके खुश रहने में विश्वास रखती है वो,

हम 2 दिन से बात कर रहे पर उसकी या मेरी नहीं,
ना तो वो मुझे जानती है ना ही में उससे,
पर फिर भी उसके कई राज़ जान चुका हु में।

उसकी हरकतों से तो बहोत मासूम है वो,
उसकी मुस्कुराहट से सबका दिल जीतती है वो,
आवाज़ इतनी प्यारी है की दिल शांत हो जाए,
पर मेरी हक़ीक़त से बहुत दूर है वो।

कहीं न कहीं अपनी सी लगी मुझे है,
पर में जानता हूं मुझसे बहुत दूर है वो,

उसको समझके दिल बड़ा बैचेन हुआ,
ना जाने क्यों उसको उन्न दुखो से दूर करने का दिल हुआ,

जो दिल में आया सब बता दिया,
हर एक डर से उससे वाकिफ करा दिया,

सोचा जिस राह से में गुज़रा हूं उसके काबिल नही वो,
अभी तो हंसना सीखा है रोने के लिए हसी नही वो,
रूह इतनी खूबसूरत है उसकी की शाम शर्मा जाए,
अभी तो जीना सीखी है वो।

मेरी आंख तब भर आई, जब उसने मुझे कोई फरिश्ता कहा,
बड़े प्यार से मुझे अपना भाई बनने के लिए कहा,

में क्या ही केहता इस दुख भरे दिल से,
नाकार दिया इस रिश्तें से, क्युकी में जानता हूं,
रिश्तेँ निभाने लायक में अभी हुआ नही हो।

बहोत ही खूबसूरत है वो,
भगवान का दिया तोफ़ा है वो,
खुदा करे उससे सारी खुशी मेले,
एक भाई की प्यारी बेहेन है वो।

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